🙏जय श्री राधे कृष्णा 🙏
आज का ये श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अट्ठारहवें अध्याय 'मोक्षसंन्यासयोग का ही नहीं बल्कि श्रीमद्भगवद्गीता का अंतिम श्लोक है.....
यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः ।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥
(अध्याय 18, श्लोक 78)
इस श्लोक का भावार्थ : (संजय बोले) - हे राजन! जहाँ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण हैं और जहाँ गाण्डीव-धनुषधारी अर्जुन है, वहीं पर श्री, विजय, विभूति और अचल नीति है- ऐसा मेरा मत है।
आपका दिन मंगलमय हो !
- पुनीत माथुर,
ग़ाज़ियाबाद।
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