🙏जय श्री राधे कृष्णा 🙏 


आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐


आज का ये दोनों श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अट्ठारहवें अध्याय 'मोक्षसंन्यासयोग से ही ..


व्यासप्रसादाच्छ्रुतवानेतद्गुह्यमहं परम् ।

योगं योगेश्वरात्कृष्णात्साक्षात्कथयतः स्वयम् ॥

(अध्याय 18, श्लोक 75)


इस श्लोक का भावार्थ : (संजय बोले) - श्री व्यासजी की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर मैंने इस परम गोपनीय योग को अर्जुन के प्रति कहते हुए स्वयं योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण से प्रत्यक्ष सुना। 


राजन्संस्मृत्य संस्मृत्य संवादमिममद्भुतम् ।

केशवार्जुनयोः पुण्यं हृष्यामि च मुहुर्मुहुः ॥

(अध्याय 18, श्लोक 76)


इस श्लोक का भावार्थ :हे राजन! भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के इस रहस्ययुक्त, कल्याणकारक और अद्‍भुत संवाद को पुनः-पुनः स्मरण करके मैं बार-बार हर्षित हो रहा हूँ। 


पुनीत माथुर, 

ग़ाज़ियाबाद।

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