🙏जय श्री राधे कृष्णा 🙏
मित्रों आज का ये सुंदर श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अट्ठारहवें अध्याय 'मोक्षसंन्यासयोग से ही ..
ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति ।
भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारूढानि मायया ॥
(अध्याय 18, श्लोक 61)
इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्णा कहते हैं) - हे अर्जुन! शरीर रूप यंत्र में आरूढ़ हुए संपूर्ण प्राणियों को अन्तर्यामी परमेश्वर अपनी माया से उनके कर्मों के अनुसार भ्रमण कराता हुआ सब प्राणियों के हृदय में स्थित है।
शुभ दिवस !
पुनीत माथुर, इंदिरापुरम,ग़ाज़ियाबाद।
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