नई दिल्ली : पुनीत माथुर। ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में गिरफ्तार निकिता जैकब ने गणतंत्र दिवस से पहले जूम मीटिंग में शामिल होने की बात स्वीकर कर ली है। इस बैठक में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल, दिशा रवि और अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए थे। जैकब के वकील द्वारा मुंबई पुलिस को सौंपे गए एक दस्तावेज में दावा किया गया है कि “टूलकिट” को एक्स्टिशिएशन रिबेलियन (एक्सआर) इंडिया द्वारा तैयार किया जा रहा है।

इस कबूलनामे के बावजूद जैकब ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के साथ किसी भी जानकारी को साझा करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि दस्तावेज़ एक “सूचनात्मक पैक” था और हिंसा भड़काने का इरादा नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उसकी कोई भी धार्मिक या राजनीतिक मंशा नहीं थी।

इसके अलावा, जैकब ने चार सप्ताह के लिए गिरफ्तारी पर रोक लागने की मांग की है। साथ ही किसी भी आक्रामक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण और दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति साझा करने के लिए एक निर्देश देने की मांग की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ट्विटर पर गणतंत्र दिवस से पहले तूफान पैदा करने के लिए खालिस्तानी पोएट्री जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एम. धालीवाल ने अपने एक सहयोगी के जरिए एक्टिविस्ट निकिता जैकब से संपर्क किया।

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