नई दिल्लीः पुनीत माथुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान परिषद में गुरुवार को दिए जा रहे सम्बोधन के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्य भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने खराब आचरण के लिए उन पर जमकर निशाना साधा और कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें उनकी भाषा में समझाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सपा के लोग ज्यादा गर्मी न दिखाएं, वह सबका पेट दर्द दूर कर देंगे।
विधान परिषद में मुख्यमंत्री के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का जिक्र आने पर सपा के सदस्यों की आपत्ति पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बात सुनने की नसीहत दी और कहा, ‘मैं जानता हूं कि आप लोग किस प्रकार की भाषा सुनते हैं। उसी प्रकार का डोज भी मैं समय-समय पर देता हूं।’
इस पर सपा सदस्य नरेश उत्तम ने आपत्ति करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री बार-बार ठीक कर दूंगा, डोज दे दूंगा की बात करते हैं। मुख्यमंत्री खुद योगी हैं। उन्हें इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।’ इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और सपा सदस्यों के बीच काफी टीका-टिप्पणी भी हुई।
मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि सपा के सदस्य ज्यादा गर्मी न दिखाएं तो बेहतर है, सदन की मर्यादा का पालन करें। हमको हर भाषा में समझाना आता है। जो जिस भाषा में समझेगा, उसी में समझाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के नेताओं से कहा कि आप सभी लोग सदन में पहले अपना आचरण सुधारें। बोलते हैं तो सुनने की आदत डालें। विपक्ष को सुनने की आदत भी होनी चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि वह सबके पेट का दर्द दूर कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार में किसानों से गेहूं खरीद कम हुई तो इन सदस्यों को चिन्ता नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का आचरण चिन्ताजनक है। विधानसभा लोकतांत्रिक विचारों का केंद्र है और यहां लोकतांत्रिक तरीके से बहस होनी चाहिए।
सत्ता और विपक्ष के बीच संवाद होते रहना चाहिए। सरकार ने एससी-एसटी पर विधानसभा में स्पेशल चर्चा की और संविधान दिवस पर छत्तीस घंटे लगातार सदन की कार्यवाही चली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस टिप्पणी के बाद विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्य काफी नाराज हो गए।
सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें शान्तिपूर्वक बैठने को कहा।
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