परिजनों के मुताबिक नहीं थी कोई बीमारी, वैक्सीन पर सवाल

नई दिल्ली : पुनीत माथुर। गुरुग्राम में उस महिला स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो गई, जिसने कोरोना वैक्सीन की शुरुआत के पहले दिन ही यानी 16 जनवरी 2021 को टीका लगवाया था। परिजन इसे सीधे तौर पर वैक्सीन का री-एक्शन बता रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग इसकी जांच की बात कह रहा है। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

बता दें कि राजवंती देवी (56) पत्नी लाल सिंह सरोहा जिले के गांव भांगरोला स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में बतौर स्वास्थ्यकर्मी काम करती थी। कोरोना योद्धा राजवंती देवी ने पूरे लॉकडाउन यानी कोरोना महामारी काल में पूरी निष्पक्षता के साथ काम किया। 

बताया जा रहा है कि बिना कोई छुट्टी लिए ही राजवंती अपने काम में लगी रही। उनके पति लाल सिंह के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की शुरुआत वाले दिन 16 जनवरी को उनकी पत्नी लाजवंती ने टीका लगवाया था। किसी तरह से कोई परेशानी नहीं हुई।

रोजाना वह जल्दी उठकर तैयार हो ड्यूटी चली जाती थी। लेकिन 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तक वह उठी नहीं तो उन्होंने उन्हें उठने को आवाज दी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर जब उन्होंने पत्नी को हाथ लगाकर उठाने का प्रयास किया तो शरीर सुन्न था। तभी उन्हें लेकर मेदांता मेडिसिटी अस्पताल पहुंचे। जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

पति लाल सिंह व अन्य परिजनों का कहना है कि कहीं न कहीं कोरोना वैक्सीन का ही यह रिएक्शन हुआ है। क्योंकि वह ना तो पहले से बीमार थी और ना ही कोई अन्य परेशानी थी।

इस बाबत सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी लालवंती का देहांत दुखद है। इसकी जांच की जा रही है कि आखिर उनकी मौत का क्या कारण रहा।

Share To:

Post A Comment: