गाजियाबाद : पुनीत माथुर। यहाँ  वैशाली सेक्टर 4 की लीला होम्स सोसायटी में बुधवार सुबह बड़ा हादसा होने से बच गया। चार्जिंग में लगे लैपटॉप की वजह से एक फ्लैट में आग लग गई। धुएं से परिवार की नींद खुली, लेकिन बाहर निकलना मुश्किल था। बालकनी में परिवार ने शोर मचाया तो लोग मदद को दौड़े। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने किसी तरह परिवार को बचाया और आग पर काबू पाया।

डॉ. पुनीत कालरा अपनी बेटी विशाखा कालरा और पत्नी सुजाता कालरा के साथ महागुन मॉल के पास लीला होम्स में छठी मंजिल पर रहते हैं। रात में डॉ. पुनीत ने लैपटॉप सोफे पर चार्जिंग के लिए लगाया और पत्नी-बेटी के साथ सोने चले गए। सुबह लगभग 6 बजे जलने की बदबू और धुएं से उनकी आंख खुली। सोफे में आग से पूरे कमरे में धुआं भरा था। सोफा चमड़े का था, इसलिए आग तेजी से फैली।

धुएं और आग की वजह से डॉ. पुनीत बेडरूम से बाहर नहीं निकल सके। जान बचाने के लिए परिवार बालकनी में आकर चिल्लाने लगा। शोर सुनकर पड़ोसियों की नींद खुल गई और गार्ड भी पहुंच गए। सोसायटी के फायर फाइटिंग सिस्‍टम से आग नहीं बुझी तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने दूसरे फ्लैट की बालकनी से सीढ़ी लगाकर परिवार को बाहर निकाला। छठी मंजिल होने की वजह से फायर ब्रिगेड कर्मियों को भी आग बुझाने में दिक्कत हुई।

इलेक्ट्रॉनिक सामान चार्जिंग में छोड़ना खतरनाक

चीफ फायर ऑफिसर सुनील कुमार ने बताया कि अपार्टमेंट में आग लगने के 80 प्रतिशत मामले शॉर्ट सर्किट, मोबाइल या लैपटॉप के कारण आग लगने से आते हैं। घंटों इन्हें चार्जिंग पर रखने से इनकी बैटरी गर्म हो जाती है। यही गर्म बैटरी गैजेट के अंदर के छोटे वायर को नुकसान पहुंचाती है। ज्यादा गर्म होने के बाद कई बार शॉर्ट सर्किट होता है और आग लग जाती है। ऐसे में ध्यान रखना होगा कि किसी भी गैजेट को उतना ही चार्ज करें, जितना जरूरी हो। रात में किसी भी गैजेट या सामान को चार्ज में लगाकर न सोएं।

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