नोएडा : पुनीत माथुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा इण्डोर स्टेडियम का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस बहुउद्देशीय स्टेडियम में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अन्य राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा सकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप का ऑनलाइन शुभारंभ और खिलाड़ियों से संवाद भी किया। उन्होंने सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों को बधाई व शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत प्रसन्नता का क्षण है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा में एक विशेष अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर विकास की विभिन्न प्रकार की योजनाएं जिस तेजी के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी में आगे बढ़ रही हैं, वह देश के विभिन्न जनपदों, महानगरों के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों के नागरिकों के लिए भी विकास का एक मानक तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एक शिकायत जो अक्सर हमें प्रदेश के खिलाड़ियों से मिलती थी, कि खेल गतिविधियों में जो विकास होना चाहिए, उसमें अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। लेकिन, इण्डोर स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। 

उन्होंने कहा कि 101 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित इण्डोर स्टेडियम 8,040 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनकर तैयार हुआ है और 4,000 से अधिक दर्शकों के बैठने की यहां क्षमता है। उन्होंने कहा कि इण्डोर स्टेडियम में बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बॉस्केटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, जिमनास्टिक, जूडो रेसलिंग सहित अन्य तमाम प्रकार की खेल गतिविधियां एक साथ संचालित की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाभाविक रूप से जब इस स्टेडियम का उद्घाटन हो रहा है तो यह अत्यंत प्रसन्नता का क्षण है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने विगत वर्ष मार्च के दूसरे सप्ताह से प्रदेश के अंदर वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए प्रयास किया कि किसी भी स्थिति में संक्रमण को रोकना है। उन्होंने कहा इसे रोकने के क्रम में खेल गतिविधियां लगभग बंद पड़ी हुई थी। उन स्थितियों में आज रेसलिंग फेडरेशन के सहयोग से प्रदेश के अंदर एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन हम सबके लिए अतिरिक्त प्रसन्नता का क्षण है। 

उन्होंने कहा कि इण्डोर स्टेडियम के साथ ही हम प्रदेशवासियों, खासतौर से गौतमबुद्ध नगर के वासियों, पश्चिम उत्तर प्रदेश के खेल प्रेमियों के लिए एक अच्छे इण्डोर स्टेडियम के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रतियोगिता करा रहे हैं। हम समझ सकते हैं कि जितने भी हमारे यहां पर पहलवान हैं, स्वाभाविक रूप से बीते दस महीनों से उनके मन में अभिलाषा रही होगी कि उन्हें नियमित प्रैक्टिस के लिए शासन स्तर पर कब सुविधा प्राप्त हो पाएगी।

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