नई दिल्ली : पुनीत माथुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह को वर्चुअल सम्बोधित करते हुए देश की तरक्की में एएमयू के योगदान को सराहा और कोरोना संक्रमण काल में भी यूनिवर्सिटी के कार्यों की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां से तालीम लेकर निकले तमाम लोग दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हुए हैं। विदेश यात्रा में मिलते हैं। कोरोना संक्रमण के समय एएमयू ने जो मदद की, वह अमूल्य है। अभी कुछ दिन पहले चांसलर की एक चिठ्ठी मिली। उन्होंने वैक्सीन में हर मदद का भरोसा दिया है। एएमयू में एक मिनी भारत नजर आया है। यहां एक ओर उर्दू तो दूसरी ओर हिंदी पढ़ाई जाती है। फारसी है तो संस्कृत भी है। कुरान के साथ गीता भी पढ़ाई जाती है। यही देश की ताकत है। इसे कमजोर नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गम्भीरता को दिखाता है। बीते सौ वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के सम्बन्धों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।
उन्होंने कहा कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं। बिना किसी भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना किसी भेद-भाव के 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना किसी भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। मोदी ने कहा, जो देश का है वो हर देशवासी का है और इसका लाभ हर देशवासी को मिलना ही चाहिए। हमारी सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में नामांकन की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 आईआईटी थी, आज 23 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 आईआईटी थी, आज 25 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 आईआईएम थे, आज 20 आईआईएम हैं। चिकित्सा शिक्षा को लेकर भी बहुत काम किया गया है। छह साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का वर्चुअल सम्बोधन अलीगढ़ के अलावा दुनिया के 100 से अधिक देशों में सुना गया। एएमयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को जो दूसरे देशों में नौकरी कर रहे हैं या फिर वहां रह रहे हैं, उन्हें कार्यक्रम का लिंक उपलब्ध कराया गया।
यह विश्वविद्यालय के 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे मुख्य अतिथि को इतनी बड़ी संख्या में सुना गया। यह कार्यक्रम इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि इससे पहले किसी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को ऑनलाइन सम्बोधित नहीं किया है। दुनिया में 100 से अधिक देशों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र फैले हुए हैं।
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