नई दिल्ली : पुनीत माथुर। सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। सुहागिन इस दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खा कर व्रत आरंभ करती हैं। मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्या भी इस व्रत को करती हैं। इस साल करवा चौथ 4 नवम्बर को है।
यह त्योहार राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब समेत कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सज संवरकर चंद्रमा की पूजा करती हैं।
करवा चौथ अबकी बार कई शुभ संयोग के साथ होगा। सभी योगों में श्रेष्ठ शिवयोग सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है। साथ ही बुधवार का दिन होने से इस पर्व का महत्व ज्यादा बढ़ गया है।
बुध सौंदर्य कारक ग्रह है। इस दिन सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे। इससे बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है। शिवयोग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सुख्य योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन चंद्रमा भी वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में संचार करेगा। ऐसे दुर्लभ संयोग वर्षों के बाद देखने को मिल रहे हैं।
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