🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏 

आप सभी को गोवर्द्धन पूजा (अन्नकूट) की हार्दिक शुभकामनाएं ! 

मित्रों आज के श्लोक में भी भगवान श्री कृष्ण द्वारा अपने ऎश्वर्यों के वर्णन किया गया ...


आदित्यानामहं विष्णुर्ज्योतिषां रविरंशुमान्‌ ।

मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी ॥ 

(अध्याय 10, श्लोक 21)


इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं) - मैं सभी आदित्यों में विष्णु हूँ, मैं सभी ज्योतियों में प्रकाशमान सूर्य हूँ, मैं सभी मरुतों में मरीचि नामक वायु हूँ, और मैं ही सभी नक्षत्रों में चंद्रमा हूँ।  


शुभ दिन ! 


पुनीत माथुर  

ग़ाज़ियाबाद

Share To:

Post A Comment: