🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏
मित्रों आज प्रस्तुत है श्रीमद्भगवद्गीता के दसवें अध्याय 'विभूति योग' से मेरा पसंदीदा श्लोक .....
अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते ।
इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः ॥
(अध्याय 10, श्लोक 8)
इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) - मैं ही संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का कारण हूँ और मुझसे ही सम्पूर्ण जगत की क्रियाशीलता है, इस प्रकार मानकर विद्वान मनुष्य अत्यन्त भक्ति-भाव से मेरा ही निरंतर स्मरण करते हैं।
आपका दिन मंगलमय हो !
पुनीत माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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