नई दिल्ली : पुनीत माथुर। हाथरस मामले में सिर्फ पुलिस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई से आईपीएस एसोसिएशन में नाराजगी है। एसोसिएशन का कहना है कि जब एसपी पर कार्रवाई हो सकती है तो डीएम पर क्यों नहीं? अगर कोई लापरवाही हुई है तो अकेले पुलिस विभाग कैसे जिम्मेदार है ? जबकि आदेश प्रशासनिक होते हैं और पुलिस विभाग उसे लागू करवाता है।
डीजीपी और होम सेक्रेट्री जब मौके पर गए थे तो डीजीपी हितेश अवस्थी ने यह बात कही थी कि डीएम के आदेश थे। कुल मिलाकर हाथरस मामले ने आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन के बीच दरार पैदा कर दी है।
बता दें कि हाथरस मामले में एसपी, डीएसपी पर गाज गिरी थी। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था साथ ही सभी का नारको पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जाने का आदेश दिया गया था।
वहीं हाथरस कांड में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार भी सवालों के घेरे में हैं। पीड़िता के परिवार ने डीएम पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है। पीड़िता के भाई का कहना था कि हमने कौन सा जुर्म किया है जो हमारे साथ इतनी ज्यादा बदतमीजी हो रही है। उन्होंने डीएम को हटाए जाने की भी मांग की है।
हाथरस कांड की जांच की जिम्मेदारी अब सीबीआई करेगी। हालांकि पीड़िता के परिवार का कहना है कि वो न्यायिक जांच चाहते हैं।
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