🙏🌹जय श्री राधे कृष्ण🌹🙏
आज का यह बहुत ही सुंदर श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के नौवें अध्याय 'राजविद्याराजगुह्ययोग' से ही मैंने लिया है ।
यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् ।
यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम् ॥
(अध्याय 9, श्लोक 27)
इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) - हे अर्जुन! तू जो कर्म करता है, जो खाता है, जो हवन करता है, जो दान देता है और जो तप करता है, वह सब मेरे अर्पण कर।
आपका दिन शुभ हो !
पुनीत माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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