🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏 


आज का श्लोक भी  श्रीमद्भगवद्गीता के नौवें अध्याय 'राजविद्याराजगुह्ययोग' से ही है । 


पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामहः ।
वेद्यं पवित्रमोंकार ऋक्साम यजुरेव च ॥

(अध्याय 9, श्लोक 17)


इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) - इस संपूर्ण जगत्‌ का धाता अर्थात्‌ धारण करने वाला एवं कर्मों के फल को देने वाला, पिता, माता, पितामह, जानने योग्य, पवित्र ओंकार तथा ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद भी मैं ही हूँ।


आपका दिन मंगलमय हो  !   


पुनीत माथुर  

ग़ाज़ियाबाद

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