🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏 


आज का श्लोक भी  श्रीमद्भगवद्गीता के नौवें अध्याय 'राजविद्याराजगुह्ययोग' से ही है । 


मयाध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम् ।

हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते ॥

(अध्याय 9, श्लोक 10)


इस श्लोक का अर्थ है :  (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) - हे अर्जुन! मुझ अधिष्ठाता के सकाश से प्रकृति चराचर सहित सर्वजगत को रचती है और इस हेतु से ही यह संसारचक्र घूम रहा है। 


आपका दिन शुभ हो !  


पुनीत माथुर,  ग़ाज़ियाबाद

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