🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏

मित्रों आज का श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के आठवें अध्याय  'अक्षर ब्रह्म योग' से ही लिया है ....

मामुपेत्य पुनर्जन्म दुःखालयमशाश्वतम् ।
नाप्नुवन्ति महात्मानः संसिद्धिं परमां गताः ॥
(अध्याय 8, श्लोक 15)

इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) -  परम सिद्धि को प्राप्त महात्माजन मुझको प्राप्त होकर दुःखों के घर एवं क्षणभंगुर पुनर्जन्म को नहीं प्राप्त होते। 

आपका दिन शुभ हो !

पुनीत माथुर 
ग़ाज़ियाबाद
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