नई दिल्ली : पुनीत माथुर। शनिवार को 10 हजार फुट की ऊंचाई पर बनी ऐतिहासिक अटल टनल (रोहतांग) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया। 

इसके साथ ही अटल टनल रोहतांग वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गई है। उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल में थोड़ी देर टहले।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग के उद्घाटन के दौरान वहां पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में रोहतांग अटल सुरंग के निर्माण से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान की गई है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनी का मूल्यांकन करने के बाद अंदर जाकर अटल टनल रोहतांग का दौरा भी किया। मोदी ने अकेले ही अंदर जाकर टनल का भ्रमण किया। उन्होंने टनल के अंदर जाकर हर छोटी बड़ी जानकारी ली।


प्रधानमंत्री शनिवार सुबह वायुमार्ग से दिल्ली से सासे हेलीपेड पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर, तकनीकी मन्त्री रामलाल मार्कण्डेय व  बी आर ओ द्वारा बड़ी गर्मजोशी से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया। इस दौरान कुल्लवी व लाहौली परंपरा के अनुसार स्थानीय लोगों ने पारम्परिक परिधानों में प्रधानमंत्री का स्वागत किया।


बता दें कि अटल टनल रोहतांग विश्व भर की ऊंचाई में बनाई गई हाइवे टनल में सबसे ऊंची टनल है। अटल टनल 10 हजार फुट की ऊंचाई पर बनी है जो 9.02 किलोमीटर लंबी है। टनल निर्माण पर करीब 3300 करोड़ रुपए  खर्च हुए हैं। 

टनल का निर्माण वर्ष 2010 में शुरू हुआ था व 10 साल बाद पूरा हुआ है। इससे मनाली-लेह के बीच 46 किलोमीटर सफ़र कम हो जाएगा व सर्दियों में सेना के मार्ग में रोहतांग दर्रा भी बाधा नहीं बनेगा। 

अटल टनल रोहतांग में सुरक्षा की दृष्टि से हर 500 मीटर के बाद आपातकाल द्वार रखा गया है। यही नहीं हर 150 मीटर की दूरी पर टेलीफोन बूथ की सुविधा भी है। 4 जी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। सुरक्षा की दृष्टि से टनल में सी सी टी वी कैमरों की विशेष व्यवस्था की गई है। 

उल्लेखनीय है कि इस टनल के बनने से पूर्व जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पीति के लोग 6 महीने तक शेष विश्व से कट जाया करते थे तथा अपने घरों में रहने को मजबूर रहते थे। टनल बनने के बाद जनजातीय क्षेत्र के लोग 12 महीने विश्व से जुड़े रहेंगे। इस क्षेत्र के लोगों को टनल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जो मरीज इलाज़ के न मिलने के कारण अपनी जिंदगी गवां दिया करते थे, अब ऐसा नहीं होगा।
(फ़ोटो साभार : ट्वीटर)
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