आज अनेक तरह के हृदय रोगों ने मनुष्य को घेर रखा है। अकेले भारत में ही करीबन 7 करोड़ 50 हजार लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं। यदि हम अपने आहार-विहार पर ध्यान दें तो इस रोग से बहुत हद तक बचा जा सकता है।
* प्रतिदिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएँ।
* भोजन बनाते समय वसा की मात्रा कम हो, वनस्पति तेलों का प्रयोग करें, जिसमें लिनोलिक अम्ल अधिक मात्रा में हो, जैसे सूर्यमुखी का तेल, मूँगफली का तेल, क्योंकि लिनोलिक अम्ल रक्त का थक्का नहीं बनने देता और वसा के जमाव को रोकता है।
* भोजन में चोकर युक्त आटे की रोटी, प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियों का प्रयोग करें। इनके प्रयोग से शरीर को एन्टी ऑक्सीडेंट, विटामिन्स व खनिज लवण प्राप्त होते हैं।
* प्रतिदिन योग विशेषज्ञ की देखरेख में आसन, ध्यान, प्राणायाम आदि कुछ भी 15-20 मिनट कीजिए। शरीर का वजन सामान्य रखें, शराब, सिगरेट, पान मसाला आदि का प्रयोग न करें।
* फास्टफूड, जंक फूड व मिठाइयों का सेवन कम से कम या बिल्कुल न करें। कब्ज न होने दें, इसके लिए मौसम के ताजे फल व उबली सब्जी खाएँ।
* तनाव, चिन्ता व अवसाद को स्थान न दें। पॉजिटिव सोच रखें। नमक, शकर का सेवन कम करें।
* प्रतिदिन 6-7 घंटे गहरी नींद अवश्य लें। प्राकृतिक जीवनचर्या अपनाएँ, खुलकर हँसे।
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