नई दिल्ली : पुनीत माथुर। विरोध के बाद गाजियाबाद में खुलने जा रहे डिटेंशन सेंटर के फैसले को उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को वापिस ले लिया है। गुरुवार देर रात जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इसकी पुष्टि की है।

बता दें कि बीते दिनों ही योगी सरकार ने इसकी मंजूरी दी थी, जिसका निर्माण राज्य सरकार के समाज कल्याण द्वारा किया जाना था। इस फैसले के मुताबिक, ऐसे लोग जो कि विदेशी हैं और जेलों में सजा काट चुके हैं और जिन्हें अपने देश भेजने में वक्त लग रहा है उनके लिए यह डिटेंशन सेंटर बनाया जाना था। 


केंद्र सरकार के आदेश के बाद ही योगी सरकार ने इसे बनाने का फैसला लिया था, जिसमें विदेशी नागरिकों को रखा जाना था। 

ये फैसला आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसका विरोध किया था।  मायावती ने ट्वीट किया था, ‘गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डॉ. अंबेडकर एससी/एसटी छात्र हॉस्टल को ‘अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कन्वर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह मांग।’


इस डिटेंशन सेंटर को लेकर ये जानकारी सामने आई थी कि गाजियाबाद के नंदग्राम में दलित छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो छात्रावास बने थे। इनमें से एक हॉस्टल को डिटेंशन सेंटर में तब्दील किया गया है। 

बता दें कि विदेशी अनिधिनियम, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशी नागरिकों को तब तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है, जब तक कि उनका प्रत्यर्पण न हो जाए।
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