नई दिल्ली : पुनीत माथुर। हाथरस जिले में हैवानों की दरिंदगी का शिकार हुई 22 वर्षीय युवती ने 15 दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ी, लेकिन आखिरकार दिल्ली में दम तोड़ दिया।
अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को हालत गंभीर होने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था।
14 सितंबर को न केवल चार दरिंदों ने मिलकर चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में युवती के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था, बल्कि उसके साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी।
हालत यह थी कि 19 सितंबर को विवेचक जब उसके बयान दर्ज करने पहुंचे तो वह इस कदर दहशत और बेहोशी की हालत में थी कि अपने साथ हुई घटना की दास्तां तक बयां नहीं कर सकी।
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसरण 14 सितंबर की घटना के बाद जब युवती को जेएन मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया था, तब उसकी जीभ तो कटी ही थी साथ में गर्दन भी टूटी हुई थी। युवती इशारों-इशारों में ही खुद पर हुए हमले और दरिंदगी की बातें ही बता सकी। इसी आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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