🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏

मित्रों आज का श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के आठवें अध्याय  'अक्षर ब्रह्म योग' से ही है ....

तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च ।
मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेवैष्यस्यसंशयम् ॥
(अध्याय 8, श्लोक 7)

इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण ने कहा) -  इसलिए हे अर्जुन! तू सब समय में निरंतर मेरा स्मरण कर और युद्ध भी कर। इस प्रकार मुझमें अर्पण किए हुए मन-बुद्धि से युक्त होकर तू निःसंदेह मुझको ही प्राप्त होगा।

आपका दिन मंगलमय हो !

पुनीत माथुर  
ग़ाज़ियाबाद
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