🙏🌹जय श्री राधे कृष्ण🌹🙏

आप सभी को प्रणाम मित्रों 🙏

आज का यह बहुत सुंदर श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय 'ज्ञान विज्ञान योग' से ही है ....

जरामरणमोक्षाय मामाश्रित्य यतन्ति ये ।
ते ब्रह्म तद्विदुः कृत्स्नमध्यात्मं कर्म चाखिलम् ॥
(अध्याय 7, श्लोक 29)

इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्णा कहते हैं) - जो मेरे शरण होकर जरा और मरण से छूटने के लिए यत्न करते हैं, वे पुरुष उस ब्रह्म को, सम्पूर्ण अध्यात्म को, सम्पूर्ण कर्म को जानते हैं। 

आपका दिन शुभ हो !

पुनीत माथुर  
ग़ाज़ियाबाद
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