🙏राधे राधे 🙏
प्रणाम मित्रों !
मित्रों आज का श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय 'ज्ञान विज्ञान योग' से ही है ....
अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः ।
परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् ॥
(अध्याय 7, श्लोक 24)
इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्णा कहते हैं) - बुद्धिहीन पुरुष मेरे अनुत्तम अविनाशी परम भाव को न जानते हुए मन-इन्द्रियों से परे मुझ सच्चिदानन्दघन परमात्मा को मनुष्य की भाँति जन्मकर व्यक्ति भाव को प्राप्त हुआ मानते हैं।
आपका दिन शुभ हो !
पुनीत माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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