🙏राधे राधे 🙏
आप सभी को प्रणाम मित्रों !
मित्रों आज का श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय 'ज्ञान विज्ञान योग' से ही है ....
यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रद्धयार्चितुमिच्छति ।
तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम् ॥
(अध्याय 7, श्लोक 21)
इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्णा कहते हैं) - जो-जो सकाम भक्त जिस-जिस देवता के स्वरूप को श्रद्धा से पूजना चाहता है, उस-उस भक्त की श्रद्धा को मैं उसी देवता के प्रति स्थिर करता हूँ।
आपका दिन शुभ हो !
पुनीत माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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