दूर रह कर दिल मिलेंगे देखना,
फ़ासले मिट कर रहेंगे देखना ।
एक रस्ता बंद हो जाए तो क्या,
कितने ही रस्ते खुलेंगे देखना।
वक्त बदलेगा हमारे मुल्क में,
सब पढ़ेंगे, सब बढ़ेंगे देखना।
नफ़रतों की आंधियां थम जाएंगी,
प्यार के झोंंके बहेंगे देखना।
आज पर कमजोर हैं तो क्या हुआ,
एक दिन ये भी उड़ेंगे देखना ।
वक्त अपना भी कभी तो आएगा,
हम कहेंगे, सब सुनेंगे देखना।
जो हमारी राह में पत्थर बने,
वो हमारे संग चलेंगे देखना।
मुश्किलों से डर के जीना क्या भला,
सामना इनका करेंगे देखना।
- पुनीत कुमार माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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