नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाली एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से पहले अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की सहमति मांगी गई है। 

दरअसल, स्वरा भास्कर ने अयोध्या में रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक और निंदनीय बयान दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार, स्वरा भास्कर ने बोला था, ‘अब हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमारी अदालतें सुनिश्चित नहीं हैं कि वे संविधान में विश्वास करती हैं या नहीं। हम एक देश में रह रहे हैं जहां हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले में बोला कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस गैरकानूनी था और फिर उसी फैसले ने उन्हीं लोगों को पुरस्कृत किया जिन्होंने मस्जिद को गिराया था।

सुप्रीमकोर्ट में लगाई गई याचिका में ये आरोप है कि स्वरा भास्कर ने ये बयान एक फरवरी 2020 को एक पैनल में चर्चा के दौरान दिया था। ये चर्चा ‘मुंबई कलेक्टिव’ की तरफ से आयोजित हुई थी। याचिका में ये दावा किया गया है कि ये बयान स्वभाव से अपमानजनक और निंदनीय है और इसका उद्देश्य कोर्ट को बदनाम करना है।

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में आरोपी रिया चक्रवर्ती का स्वरा भास्कर ने समर्थन किया था। उन्होंने बोला था, रिया एक अजीबो-गरीब और खतरनाक मीडिया ट्रायल का शिकार हो रही हैं, जिसकी अगुवाई एक भीड़तंत्र से हो रही है। उम्मीद करती हूं कि सुप्रीम कोर्ट इस पर ध्यान देगी और फर्जी न्यूज फैलाने वालों और साजिशों की कहानियां बनाने वालों पर रोक लगेगी। कानून को तय करने दीजिए’। स्वरा के इस बयान के बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
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