विधायक विजय मिश्र (फाइल फोटो)
नई दिल्ली। कानपुर विकरू कांड के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और भदोही के बाहुबली विजय मिश्र के गिरफ्तारी ड्रामे में सच क्या है यह एक बड़ा सवाल उभर कर आया है। आख़िर यूपी पुलिस विकास दुबे की तरह विधायक विजय मिश्र को क्यों नहीं गिरफ्तार कर पाई। इसका श्रेय यूपी पुलिस को मिलना चाहिए था, लेकिन विजय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद यह पूरा श्रेय मध्य प्रदेश पुलिस को जाता है। भदोही पुलिस अपनी पीठ भले ही थप-थपाए लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी नाकामी है। क्योंकि यह गिरफ्तारी भी ठीक एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे की लाइन पर हुई है। 

क्यों घटी विधायक के साथ विकास दुबे जैसी ट्रेजडी 

यह महज संयोग है कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और पूर्वांचल के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की गिरफ्तारी एक जैसी लगती है। यूपी पुलिस के आठ पुलिसवालों का हत्यारा विकास दुबे भी महाकाल दर्शन के बाद ख़ुद आत्मसमर्पण किया था और बाद में यूपी लाते समय उसका पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। ठीक उसी तर्ज़ पर भदोही के ज्ञानपुर से चौथी बार विधायक विजय मिश्र के मामले में भी हुआ। वह भी शुक्रवार को उज्जैन स्थित महाल दर्शन को गए थे। वहां से लौटते समय मध्यप्रदेश के आगर- मालवा पुलिस ने तनोडिया से उन्हें वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया। हालांकि महाकाल दर्शन महज एक संयोग है। विकास दुबे और विजय मिश्र से सम्भवतः कोई ऐसे सम्बन्ध नहीं थे। 

विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकी भदोही पुलिस 

भदोही पुलिस ने आखिर विधायक को वक्त रहते क्यों नहीं गिरफ्तार किया है, यह एक सबसे बड़ा सवाल है। क्या वह विधायक कि गिरफ्तारी से बचना चाहती थी। भदोही एसपी आरबी सिंह का दावा है कि उन्हीं कि सूचना पर मध्य प्रदेश पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार किया है। अगर यह सच है तो फ़िर भदोही पुलिस समय रहते क्यों नहीं गिरफ्तार कर सकी। जबकि जिस मुक़दमें में भदोही पुलिस कि सूचना पर एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पूर्व भी विधायक पर एक और मुकदमा गोपीकृष्ण महेश्वरी को धमकाने को लेकर हुआ था, जिसका आडियो वायरल होने के बाद उसका संज्ञान ख़ुद भदोही एसपी ने लिया था। फ़िर पुलिस पहले गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी। पुलिस ने जब चार अगस्त को कृष्णमोहन तिवारी की तरफ़ से गोपीगंज थाने में दर्ज विधायक के खिलाफ मामले का अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया था, तभी विधायक को पता लग गया था कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। फ़िर उन्हें ख़ुद भदोही पुलिस ने क्यों नहीं गिरफ्तार किया। यह अपने आप में बड़ा सवाल है। 

विधायक ने ख़ुद तो नहीं किया आत्मसमर्पण 

विधायक विजय मिश्र ने विकास दुबे कि तर्ज पर कहीं स्वयं की गिरफ्तारी की साजिश तो नहीं रची है। भदोही पुलिस को सूचना देकर ख़ुद तो गिरफ्तार नहीं हुए। क्योंकि पुलिस की तरफ़ से एक के बाद एक दर्ज हुए मुकदमों से विधायक डर गए थे। उन्हें यह आशंका रहीं कि कहीं विकास दुबे कि तरह उनका भी एनकाउंटर न कर दिया जाय। फ़िलहाल यह तो पुलिस जांच का विषय है। 

गौरतलब है कि हाल में उनकी तरफ़ से जारी दो वीडियो संदेश में साफ कहा गया है कि ‘मैं ब्राह्मण हूं और मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है। इस सरकार में मैं आत्महत्या कर लूँगा। मेरी किसी भी रात हत्या हो सकती है।’ वह मुख्यमंत्री योगी से मिलने की बात कह रहे थे लेकिन सम्भवत: उन्हें समय नहीं मिला। क्योंकि सरकार कि निगाहें टेढ़ी थीं। इसका पता उन्हें लग गया था। अंतिम वीडियो में अपनी बात कहते हुए वह काफी मायूस दिख रहे थे। आखिकार उनकी आशंका सच निकली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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