नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। उत्तराखंड के नैनीताल में 84 साल बाद एक दुर्लभ प्रजाति के सांप को वन विभाग की टीम ने घर से पकड़ा है। मौके पर पहुंची टीम ने इस सांप का रेस्क्यू किया।
वन अफसरों के अनुसरण इससे पहले यह सांप पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में देखा गया था। इस सांप का रंग लाल है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसे ‘ओलिगोडोन खेरिएन्सिस’ नाम दे दिया।
इस सांप को कुकरी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस सांप के दांत गोरखाओं के कुखरी (चाकू) की तरह घुमावदार होते हैं।
इस सांप को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने कहा, “गौला वन रेंज टीम को नैनीताल जिले के कुररिया खट्टा गांव के निवासी कविंद्र कोरंगा ने शुक्रवार सुबह एक सांप से बचाव के लिए मदद मांगी थी। जब हम वहां गए, तो ग्रामीणों ने सांप को पकड़ लिया और उसे प्लास्टिक की बोरी में बंद कर दिया।"
त्रिपाठी ने कहा कि सांप को मौके से बचाने के बाद टीम आश्चर्यचकित थी। यह दुर्लभ सांपों में से एक था। इस कुकरी सांप को टीम ने जंगल में छोड़ दिया।
देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के वन्यजीव विशेषज्ञ विपुल मौर्य ने कहा कि लाल कोरल कुकरी एक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का सांप है और उत्तराखंड में अब तक केवल दो बार देखा गया है।
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