🙏राधे राधे 🙏

आप सभी को प्रणाम !

आज का श्लोक भी मैंने लिया है श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय से। 

श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिम-चिरेणाधिगच्छति॥
(अध्याय 4, श्लोक 39)

इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं) निरंतर प्रयत्न करने वाला, इन्द्रिय संयम करने वाला और श्रद्धा से युक्त मनुष्य ज्ञान को प्राप्त होता है। ज्ञान को प्राप्त होकर वह शीघ्र ही (परम) शान्ति को प्राप्त हो जाता है। 

शुभ दिन !

पुनीत कृष्णा 
ग़ाज़ियाबाद
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