नयी दिल्ली। लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने दावा किया है अब वियरेबल स्मार्टवॉच की मदद से कोरोना वायरस के लक्षण दिखने से पहले ही उसका पता चल जाएगा। इसके लिए उन्होंने एक ‘मास साइंस’ नाम का एप तैयार किया है। इस एप को स्मार्टवॉच से जोड़ा जाएगा। जिससे स्मार्टवॉच के अंदर लगे अलर्ट सिस्टम से हजारों लोगों के संकेतों को ट्रैक करेंगे।
वैज्ञानिकों का मानना है कि हृदयगति, शारीरिक गतिविधियों और सोने के तरीकों में बदलाव कोरोना वायरस के मामलों की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इन बदलावों को वियरेबल स्मार्टवॉच के जरिये ट्रैक करके शरीर में बुखार, खांसी आदि जैसे लक्षण उभरने से पहले ही संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।
इस तरह चलेगा पता :
वायरस के लक्षण उभरने में कई दिन लगते हैं, ऐसे में स्मार्टवॉच के जरिये सुझाए गए शरीर में बदलाव के सबूत, समय से पहले ही संक्रमण को पहचानने में मदद करेंगे। स्मार्टवॉच पहनने वाले कोविड-19 रोगियों ने खांसी, बुखार या स्वाद-गंध खत्म होने आदि लक्षण दिखने से कुछ दिन पहले अपने स्वास्थ्य संकेतों में छोटे-छोटे बदलाव देखे गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि लक्षण शुरू होने से पहले ही कोविड-19 मामलों का पता करने वाला यह टूल बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है।
बड़े बदलाव की उम्मीद :
इस अध्ययन को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च द्वारा फंड मुहैया कराया गया है। अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. अमोस फोलारिन का कहना है कि संक्रमण का यह सस्ता और डिजिटल टेस्ट बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि इस अध्ययन के जरिए वे धीरे-धीरे डाटा का अध्ययन करके ऐसा टूल बनाने में कामयाब होंगे जिससे कोरोना संक्रमण का काफी पहले सटीक पता चल जाएगा।
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