नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। कानपुर जनपद में थाना चौबेपुर के विकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई बिठूर पुलिस पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। बदमाशों की अंधाधुंध गोलीबारी में सीओ बिल्हौर, थानाध्यक्ष शिवराजपुर, दो एसआई सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके साथ ही कई पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। 

पुलिस व अपराधियों के बीच अर्धरात्रि से शुरु मुठभेड़ भोर तक जारी रही। मुठभेड़ के दौरान पुलिस कर्मियों के गोली लगने की सूचना मिलते ही एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीएम, एसएसपी समेत आलाधिकारियों व सर्किल थानों का फोर्स के अलावा अन्य थाने की पुलिस भी मौके पर पहुच गए हैं।


गुरुवार देर रात सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की संयुक्त पुलिस टीमें अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गांव विकरु पहुची और घेराबंदी करते हुए बदमाश की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। इस बीच पुलिस के गांव में आने की भनक अपराधियों को लग गई। बताया जा रहा है कि पुलिस की भनक लगते ही बदमाश के गुर्गों ने इस दौरान छतों से ही पुलिस टीमों पर गोलीबारी शुरू दी।


बदमाशों की फायरिंग में सीओ, थानाध्यक्ष, दो दरोगा व चार सिपाहियों को गोली जा लगी और अफरा-तफरी मच गई। बदमाशों की फायरिंग की जानकारी आलाधिकारियों को दी गई और गोली लगने से कई घायल पुलिस कर्मियों को लेकर साथी कर्मी जान जोखिम में डालकर बदमाशों की फायरिंग के बीच से निकालकर पास के अस्पताल पहुचे जहां से उन्हें रीजेंसी हॉस्पिटल ले जाया गया और उपचार शुरू हुआ।


एडीजी ने बदमाशों के दुस्साहस मामले में सीओ समेत आठ कर्मियों के शहीद होने की पुष्टि की है। बदमाशों की फायरिंग में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार, बिठूर थाना के मंधना चौकी इंचार्ज अनूप सिंह, शिवराजपुर थाने में तैनात एसआई नीबू लाल व कांस्टेबल सुल्तान व तीन अन्य सिपाही समेत आठ कर्मी शहीद हो गए। जबकि चार पुलिस कर्मी घायल भी हैं।


उधर, पुलिस पर बदमाशों के फायरिंग में कई कर्मियों के घायल होने की जानकारी पर एडीजी जोन जय नारायण सिंह, आईजी रेंज मोहित अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु, पुलिस अधीक्षक पश्चिम डॉ. अनिल कुमार सहित कई थानों के फोर्स मौके पर पहुच गए। खबर लिखे जाने तक लगातार अपराधियों द्वारा गोली चलाने के कारण कई पुलिस कर्मियों को अभी भी गांव विकरू से नहीं निकाला जा सका है। 

मौके पर पहुचे आलाधिकारियों ने तेज तर्रार पुलिस कर्मियों के साथ गांव की घेराबंदी कर ली है। अभी भी पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ जारी है और बदमाश छुप छुप कर फायरिंग कर रहे हैं।


इधर, पुलिस मुठभेड़ में कई पुलिस कर्मियों के गोली लगने और शहीद हो जाने की सूचना मिलने की जानकारी पर जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी भी देर रात रीजेंसी अस्पताल पहुच गए और डॉक्टरों से उपचार को लेकर बातचीत करते हुए सभी कर्मियों का हालचाल जाने। उन्होंने बदमाशों की इस कायराना हरकत की निंदा की और शहीद पुलिस कर्मियों की शहादत को सलाम किया। कहा बदमाशों को उनके अंजाम तक पहुचाया जाएगा।

बता दें कि विकास दुबे बेहद कुख्यात किस्म का अपराधी है। उसने थाने में घुसकर राज्यमंत्री और पुलिस कर्मी सहित कई लोगों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस पर गोलियां बरसाने के बाद आरोपी साथियों समेत फरार हो गए हैं। पुलिस बदमाशों की तलाश में काम्बिंग कर रही है।


इस मुठभेड़ में बदमाश अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडेय मारे गए हैं। अतुल को विकास का रिश्तेदार और प्रेम प्रकाश को मामा बताया जा रहा है। प्रेम प्रकाश पांडेय के घर में ही सीओ को मारे जाने की बात कही जा रही है, वहीं पुलिस से लूटी गई पिस्टल और बदमाशों के पास से एक राइफल भी बरामद की गई है।

आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला करके फरार बदमाशों से दोबारा पुलिस की मुठभेड़ हुई है। घटनास्थल से करीब चार किमी दूर एक जंगल में मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गए हैं, वहीं दो पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। उनके कब्जे से हथियार भी बरामद हुए हैं।

लखनऊ से टीम के साथ एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं, गांव में एसटीएफ की तैनाती कर दी गई है। एडीजी ने पुलिस अफसरों से घटना की पूछताछ करके बदमाशों को पकड़ने के लिए की जा रही कार्रवाई के बाबत पूछताछ की।


कानपुर देहात जिले में पड़ने वाली चार सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां पुलिस हर गाड़ी की सख्ती से चेकिंग कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने यूपी के डीजीपी को मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया और मामले की रिपोर्ट मंगाई है। 

डीजीपी यूपी ने बताया कि हमारे करीब 7 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। आईजी, एडीजी, एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है। कानपुर की फरेंसिक टीम मौके पर है, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी गई है।
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