नई दिल्ली। फ्रांस ने समय पर आपूर्ति करने के अपने वादे को पूरा करते हुए सोमवार को सुबह करीब 11.30 बजे मेरिग्नैक बोर्डो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पांच लड़ाकू विमान ‘राफेल’ भारत के लिए रवाना कर दिए।
इससे पहले फ्रांस में भारतीय राजदूत ने राफेल के भारतीय पायलटों से मुलाकात करके बातचीत की और उन्हें भारत के लिए एक सुरक्षित उड़ान के लिए बधाई दी।
पांंचों फाइटर जेट संयुक्त अरब अमीरात में एक पड़ाव पर रुकेंगे, जहां सभी को ईधन दिया जाएगा। इसके बाद 29 जुलाई को वायुसेना के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच जाएंगे। एक हफ्ते के अंदर इन सभी को ऑपरेशनल बनाया जाएगा क्योंकि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन से मोर्चा लेने के लिए तैनात किया जाना है।
भारतीय वायुसेना की ‘गोल्डन ऐरोज’ 17 स्क्वाड्रन में शामिल होने के लिए लड़ाकू विमान राफेल के पहले दस्ते को अंबाला एयरबेस में तैनात किया जाएगा। इसीलिए विमान में लगने वाली मिसाइल और अन्य उपकरण पहले ही वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर पहुंच चुके हैंं।
अत्यधिक उन्नत हथियार प्रणालियों वाले फाइटर जेट राफेल से सम्बंधित एयरक्रूज और ग्राउंड क्रू ने अपने व्यापक प्रशिक्षण पूरे कर लिए हैं। इन पांच राफेल विमानों में 3 ट्विन-सीट वाले और 2 सिंगल-सीट वाले हैं।
आने वाले राफेल अभी सभी शस्त्र प्रणालियों से लैस नहीं हैं। राफेल जब अंबाला पहुंचेंगे, तो वे 300 किलोमीटर की रेंज की स्कैल्प एयर-टू-ग्राउंड क्रूज़ मिसाइलों और हैमर सिस्टम से फायरिंग करने में सक्षम होंंगे।
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