🙏राधे राधे 🙏
आप सभी को प्रणाम !
मित्रों आज का श्लोक मैंने लिया है श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय 'ज्ञानकर्मसंन्यासयोग' से।
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभिः।
कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वैः पूर्वतरं कृतम्॥
(अध्याय 4, श्लोक 15)
इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं) पहले भी मोक्ष की इच्छा वाले मनुष्यों ने इस प्रकार जानकर ही कर्म किए हैं इसलिए तुम भी पूर्वजों जैसे ही सदा से किए जाने वाले कर्मों को ही करो।
आपका दिन शुभ हो !
पुनीत कृष्णा
ग़ाज़ियाबाद
Post A Comment: