नई दिल्ली : पुनीत माथुर। आज  सीमा पर देश की रक्षा करने के साथ ही फौजी अपने परिवार की सुरक्षा के लिए भी जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर भी बैठने को मजबूर है। अमेठी जिले में शुक्रवार को कब्जे की जमीन को छुड़वाने के लिए एक सैनिक पत्नी और बच्चे के साथ तहसील प्रांगण में धरने पर बैठा है। 

यहां का प्रशासन फौजी की सहायता तो छोड़िए उसे टरकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। जिलाधिकरी से लेकर राजस्व विभाग उसकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।  

सीमा पर देश की सेवा करते हुए मेहनत से कमाए पैसों से सेना के जवान ने जमीन खरीदी। जिसे गांव के दबंगों ने कब्जा लिया और जवान के बीवी-बच्चे को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।  

इससे आहत जवान आज परिवार संग अमेठी तहसील प्रांगण में धरने पर बैठ गया। प्रशासन के कोरे आश्वासन और धमकी से तंग सेना का जवान मीडिया के सामने आया तो रो पड़ा। 

संग्रामपुर थाना अन्तर्गत कनू केवलापुर गांव निवासी बृजेश कुमार दुबे भारतीय सेना में तैनात है। शुक्रवार को वो पत्नी और मासूम बच्चे के साथ अमेठी तहसील में पहुंचे और धरने पर बैठ गए।

उन्होंने मीडिया को बताया कि एक से डेढ़ साल पहले मैने एक जमीन का बैनामा लिया था, जिसकी सरकारी पैमाइश कराकर अपना छप्पर रखा था। एससीएसटी के सात से आठ लोग जिसमे महिलाएं भी शामिल हैं हमारी जमीन को कब्जा कर लिया और जाने से मारने की धमकी दे रहे हें।

जवान ने यह भी बताया कि न्याय की गुहार लेकर वह जिलाधिकारी से मिले हैं। दो बार एसडीएम से दो बार मिल चुके और आज तीसरी बार आया हूं। एसओ और सीओ से भी मिल चुका। आश्वासन मिला की राजस्व की टीम जायेगी तभी कब्जा हो पायेगा। जबकि राजस्व टीम बोलती है आप सिविल कोर्ट जाइए। 

जवान ने बताया कि वह बार्डर पर तैनात है। वहां से 500-700 किलोमीटर दूर पाकिस्तान का बार्डर है। वहां 24 घंटे बर्फ पड़ती है। देश की रक्षा के लिए मेरे जैसे जवान अपनी जान न्यौछावर कर रहे हैं और यहां का प्रशासन भी हमरे परिवार की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है।
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