नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। हरियाणा में अब बछड़े पैदा नहीं होंगे क्योंकि आने वाले समय में हरियाणा की गायों द्वारा केवल बछडिय़ों को ही जन्म दिया जाएगा। प्रदेश के एक दर्जन जिलों में पांच सौ गायों पर ट्रायल सफल हो गया है। 

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रदेश में इस समय कुल 70 लाख पशुधन है। जिसमें ज्यादतर गाय तथा नंदी हैं। प्रदेश में बैलों की मदद से खेती का चलन बंद हो चुका है।

हरियाणा के कृषि मंत्री जे.पी.दलाल

गायों द्वारा पैदा किए जाने वाले बछड़े पशु पालकों तथा किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं। इन बछड़ों का बैल के रूप में इस्तेमाल नहीं होने से पशु पालकों द्वारा इन्हें सडक़ों पर छोड़ दिया जाता है। जिससे यह न केवल फसलों का नुकसान करते हैं बल्कि आए दिन सडक़ हादसों का कारण भी बनते हैं।

हरियाणा द्वारा पिछले कई वर्षों से इस बात पर शोध की जा रही है कि प्रदेश की गायों द्वारा बछड़ों की बजाए केवल बछडिय़ों को ही जन्म दिया जाए। ऐसे में अमेरिका से विदेशी सीमन मंगवाकर देसी, गिर तथा सहीवाल आदि नस्ल की पांच सौ गायों को कृत्रिम गर्भधारण करवाया गया। जिनमें से करीब 95 फीसदी गायों ने बछडिय़ों को ही जन्म दिया है।

अमेरिकन सीमन के पहले टीके की कामयाबी दर जहां 30 से 40 प्रतिशत दर्ज की गई वहीं दूसरे टीके की यह दर 60 से 70 प्रतिशत व तीसरे टीके की दर 70 से 100 प्रतिशत है। अर्थात् बहुत सी गाय पहले ही टीके में गर्भधारण कर जाती हैं जबकि ज्यादातर गाय दूसरे से तीसरे टीके में गर्भधारण करती हैं। 

हरियाणा सरकार द्वारा शुरूआती दौर में इसकी कीमत जहां 800 रुपये रखी गई थी अब इस पर 75 फीसदी सब्सिडी देकर महज 200 रुपये में यह पशु पालकों को दिया जा रहा है। हरियाणा के पशु पालकों में इस टीके के प्रति बढ़ रहे रूझान को देखते हुए सरकार ने ढाई लाख डोज अमेरिका से मंगवाई हैं। जिन्हें यहां की गायों पर इस्तेमाल किया जाएगा।
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