नई दिल्ली : लोकेश राज । देश में कोराेना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगाया गया था। ज्यादातर कामकाजी लोगों को वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की सुविधा दी गई थी। लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स के सामने इस लॉकडाउन ने बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। शिक्षकों को दो माह से सैलरी नहीं मिली है।
अब वो मजबूरी में अपना पेट पालने के लिए सब्जी का ठेला लगाने से लेकर पंक्चर लगाने तक का काम कर रहे हैं।
यहां तस्वीर में गलियों में सब्जी बेचते दिख रहा शख्स भी दिल्ली के सरकारी स्कूल सर्वोदय बाल विद्यालय में बतौर इंग्लिश के गेस्ट टीचर के पद पर तैनात है। वजीर सिंह नाम के इस शख़्स ने बताया कि उन्हें बीते आठ मई से सैलरी नहीं मिली है। उनके सामने घर चलाने के लिए ये मजबूरी है इसलिए ठेले पर सब्जी बेचते हैं।
इसी तरह देवेश कुमार मेहरौली के सरकारी स्कूल में गेस्ट टीचर हैं। देवेश कहते हैं कि मेरी छोटी पंक्चर की दुकान है। अब कहीं जा नहीं सकते तो परिवार को तो पालना ही है। बच्चे की फीस 15 से 16 सौ रुपये है, जब दूसरे को शिक्षित करते हैं तो अपने बच्चे को अशिक्षित तो नहीं छोड़ सकते।
Post A Comment: