ग़ाज़ियाबाद : पुनीत कृष्णा। शुक्रवार, 05 जून की मध्यरात्रि को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इस दौरान पृथ्वी की परिक्रमा करता हुये चंद्रमा का लगभग आधा भाग पृथ्वी की उपछाया में से होकर निकलेगा, जिससे चंद्रमा की चमचमाती चांदनी लगभग तीन घंटे के लिए कुछ मंद हो जायेगी। इस खगोलीय घटना को पेनुम्ब्रल लुनर इकलिप्स या उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।

बता दें कि चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्वी की घनी छाया वाले भाग में आता है तो पूर्णचंद्रग्रहण होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग घनी छाया में तथा बाकी भाग उपछाया में आता है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है, लेकिन जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में ही आता है तो उसे पेनुम्ब्रल लुनार इकलिप्स या उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।

इन सभी चंद्रग्रहणों को खाली आंखों से देखा जा सकता है। इन्हें देखने के लिये व्यूअर या किसी यंत्र की आवश्यकता नहीं होती है।
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