राधे राधे
मित्रों आज का श्लोक  श्रीमद्भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय 'ज्ञानकर्मसंन्यासयोग'  से लिया है  मैंने।

श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 39)

इस श्लोक का अर्थ है : श्रद्धा रखने वाले मनुष्य, अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य साधनपारायण हो अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं, फिर ज्ञान मिल जाने पर जल्द ही परम-शान्ति (भगवत्प्राप्तिरूप परम शान्ति) को प्राप्त होते हैं।

सुप्रभात !
पुनीत कृष्णा
ग़ाज़ियाबाद 
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