🙏राधे राधे 🙏

आप सभी को प्रणाम !

मित्रों आज का श्लोक मैंने श्रीमद्भगवद्गीता के तीसरे  अध्याय 'कर्मयोग' से लिया है । इस श्लोक में भगवान श्री कृष्ण कह रहे हैं कि साधारण मनुष्य श्रेष्ठ मनुष्य के मार्ग का अनुसरण करते हैं। श्री कृष्ण ने ये बात क्यों कही यह कल इसकेे आगे के श्लोक में आपको स्पष्ट हो जाएगा। 

यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥
(तृतीय अध्याय, श्लोक 21)

इस श्लोक का अर्थ है : श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण यानी जो-जो काम करते हैं, दूसरे मनुष्य (आम इंसान) भी वैसा ही आचरण, वैसा ही काम करते हैं। वह (श्रेष्ठ पुरुष) जो प्रमाण या उदाहरण प्रस्तुत करता है, समस्त मानव समुदाय उसी का अनुसरण करने लग जाते हैं।

आपका दिन शुभ हो !

पुनीत कृष्णा 
ग़ाज़ियाबाद
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