नोएडा : पुनीत कृष्णा। यहाँ नौ महीने की एक गर्भवती महिला को लेकर उसका परिवार 13 घंटे तक शहर के 8 बड़े अस्पतालों के चक्कर काटता रहा लेकिन सभी ने प्रसव के लिए उसे भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके बाद गर्भवती महिला ने इलाज के अभाव में एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।
इस मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लिया है और जांच के आदेश देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी नीलम कुमारी 9 महीने की गर्भवती थी। प्रसव दर्द उठने के बाद उसे ऑटो से एक अस्पताल ले जाया गया।
नीलम के पति बृजेंद्र एक मीडिया फर्म के मेंटिनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं। उनके भाई शैलेंद्र कुमार अपनी पत्नी सुषमा के साथ ऑटो से नीलम को लेकर नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल लेकर गए।
ईएसआईसी अस्पताल ने उसे कुछ समय के लिए ऑक्सिजन लगाई और फिर उसे सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में रिफर कर दिया गया लेकिन वहां के स्टाफ ने उसे भर्ती नहीं किया।
स्टाफ का कहना था कि वो लोग खोड़ा से आए हैं जो कंटेनमेंट जोन है इसलिए उन्हें वापस जाकर वहीं इलाज कराना चाहिए। उन्होंने नीलम को देखा तक नहीं।
इसके बाद परिवार नीलम को लेकर सेक्टर 51 स्थित शिवालिक अस्पताल गया जहां कहा गया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे किसी बेहतर अस्पताल ले जाया जाए।
फिर नीलम का परिवार उसे लेकर फोर्टिस गया लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया।
फिर नीलम को लेकर परिवार सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल पहुंचे, यहां भी नीलम को भर्ती नहीं किया गया। नीलम को कोविड-19 लक्षण थे और उसे शारदा अस्पताल या ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स ले जाने को कहा गया। दोनों ही कोविड-19 अस्पताल हैं लेकिन परिवार का दावा है कि नीलम को यहां भी भर्ती नहीं किया गया।
फिर ये सभी शारदा अस्पताल गए जो जिम्स अस्पताल के नजदीक स्थित है। यहां उनसे कहा गया कि नीलम का कोविड-19 टेस्ट कराया जाए। उनसे 4500 रुपये लिए लेकिन टेस्ट से पहले ही जिम्स रिफर कर दिया गया और कहा गया कि बेड खाली नहीं है।
तब नीलम के पति ने 108 से एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की लेकिन नंबर नहीं मिला। उन्होने 5,800 रुपये देकर एक प्राइवेट एंबुलेंस बुलाई और उसे ऑक्सिजन सपोर्ट पर जिम्स लेकर गए लेकिन वहां भी खाली बेड नहीं मिले।
उम्मीद साथ छोड़ने लगी थी लेकिन फिर भी परिवार नीलम को लेकर गाजियाबाद वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल ले गया लेकिन वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया गया। वे दोबारा जिम्स लेकर गए लेकिन जैसे ही वे वहां पहुंचे नीलम की एंबुलेंस में ही मौत हो गई।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी को इसकी जांच सौंपी है। जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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