ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर। भारत में बीते एक दशक में स्तन कैंसर के मामले कई गुना बढ़ गए हैं और पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाएं कम उम्र में ही इसका शिकार बन रही हैं।
सही जानकारी, जागरूकता, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
महिलाओं में बढ़ते हुए कैंसर के खतरों को देखते हुए ड्रॉप्लेट्स, अराध्या मदर एंड चाईल्ड केयर क्लीनिक व शिप्रा कृष्णा विस्टा एओए द्बारा स्तन व सर्वाइकल कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन इंदिरापुरम स्थित शिप्रा कृष्णा विस्टा क्लब में किया गया ।
शिविर में आने वाली महिलाओं को स्वयं स्तन परिक्षण की जानकारी के साथ ही सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी दी गई।
शिविर में आराध्या मदर एंड चाईल्ड केयर क्लीनिक की संचालिका डॉ. शालिनी अग्रवाल ने बताया कि गर्भाशय अथवा बच्चेदानी के निचले हिस्से को सर्विक्स (गर्भाशय का मुंह) कहते हैं। इसी भाग के कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। भारत में हर आठ मिनट में इस बीमारी से एक महिला की मृत्यु होती है। हर साल लगभग 72000 भारतीय महिलाओं की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है।
उन्होंने बताया कि कैंसर जैसी बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है बीमारी को जल्द से जल्द शुरुआत में पकड़ लेना। ज़्यादातर लोग बीमारी के फैल जाने के बाद ही डाक्टर को दिखाने आते हैं।
डॉ. शालिनी अग्रवाल ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचने का सबसे अच्छा उपाय है पैप स्मियर टेस्ट जिसके द्वारा पता किया जा सकता है कि सर्विक्स की कोशिकाओं में कैंसर के लक्षण हैं या नहीं। साथ ही पैप स्मियर टेस्ट एक आसान, सस्ता और दर्दहीन तरीका है जिसको करने में मात्र 10 से 30 सेकंड लगते हैं।
इस अवसर पर डॉ. निकिता रस्तोगी, शिल्पी अग्रवाल, मणि गर्ग, शारदा वाजपेयी, मोनिका काला, रचना श्रीवास्तव, डॉ. मीरा रस्तोगी, मोनिका यादव, श्वेता गुप्ता और शारदा आदि उपस्थित रहीं।
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