ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर । कहते हैं जिसका कोई नही उसका तो ख़ुदा होता है, लेकिन वो ख़ुद नहीं आता, भेज देता है फरिश्तों को। ग़ाज़ियाबाद में भी ऐसे ही फ़रिश्ते साथ मिल कर असहायों की सेवा में लगे हुए हैं।
ग़ाज़ियाबाद के वसुंधरा में सुदर्शना घिल्डियाल के कुशल संचालन में 'आंगन और आंचल' द्वारा संचालित सिंदोरी देवी पर्वतीय वृद्धालय द्वारा समय-समय पर जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा की जाती रही है। इसी क्रम में 'अपना घर आश्रम' शुक्रताल और 'आंगन और आंचल' ने मिल कर पुराना रोडवेज बस स्टैंड व नया बस स्टैंड शहीद स्थल के रास्ते में असहाय अवस्था में मिले वृद्धजनों को और वसुंधरा से. 3 के मौजूदा सभी गार्डों को कंबल वितरित किए।
इस वितरण कार्यक्रम में प्रदीप सिक्का, सुदर्शना घिल्डियाल, रेनूका, मुकुल शर्मा और अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
ग़ाज़ियाबाद के वसुंधरा में सुदर्शना घिल्डियाल के कुशल संचालन में 'आंगन और आंचल' द्वारा संचालित सिंदोरी देवी पर्वतीय वृद्धालय द्वारा समय-समय पर जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा की जाती रही है। इसी क्रम में 'अपना घर आश्रम' शुक्रताल और 'आंगन और आंचल' ने मिल कर पुराना रोडवेज बस स्टैंड व नया बस स्टैंड शहीद स्थल के रास्ते में असहाय अवस्था में मिले वृद्धजनों को और वसुंधरा से. 3 के मौजूदा सभी गार्डों को कंबल वितरित किए।
इस वितरण कार्यक्रम में प्रदीप सिक्का, सुदर्शना घिल्डियाल, रेनूका, मुकुल शर्मा और अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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