नई दिल्ली: पुनीत माथुर। उन्नाव की बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। वह मरना नहीं चाहती थी, लेकिन कुछ शैतानों ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया।
पहले रेप और फिर जब जमानत पर छूटकर आए तो जिंदा जला दिया। 95 0प्रतिशत जलने की असह्य पीड़ा के बावजूद वह जीना चाहती थी। वह न्याय चाहती थी।
अब उसकी उम्मीद समाज और प्रशासन को पूरी करनी होगी। उसे न्याय दिलाना ही होगा, हैवानो को सजा देनी ही होगी।
'मैं मरना नहीं चाहती. मैं जीना चाहती हूं, आरोपियों को छोड़ना मत, उन्हें सजा जरूर दिलाना', यही शब्द थे उसकी जुबान पर जाते - जाते।
बता दें कि उन्नाव की इस साहसी बेटी आशा ने शुक्रवार रात 11:40 पर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अंतिम सांस ली। आशा के मृत्यु के बाद अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आशा के पार्थिव शरीर को दिल्ली से लखनऊ ले जाने की तैयारी की जा रही है जहाँ सीनियर डाक्टरों की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।
उधर उ.प्र. के डीजीपी ओ.पी. सिंह ने आशा की मृत्यु पर गहरा शोक जताते हुए आश्वासन दिया है कि पांचों आरोपियों को एक महीने के अंदर फांसी दी जाएगी। ये पांचों आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं।
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