ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर। 'आंगन और आंचल' समाजिक संस्था द्वारा संचालित सिदोंरी देवी पर्वतीय वृद्धालय द्वारा वसुंधरा सेक्टर 3 स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर के समीप श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
आयोजन में प्रतिदिन प्रातः वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बालकृष्ण व लक्ष्मी नारायण का पूजन किया जा रहा है। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ, रुद्राभिषेक, गीता पाठ व भागवत का मूल पाठ किया जा रहा है।
मंगलवार शाम को भागवत कथा प्रवचन व्यास पीठासीन श्री दिनेश बड़तवाल जी द्वारा बामन तथा शुक्राचार्य की कथा से आरंभ हुआ। इसके पश्चात समुद्र मंथन का बेहद रोचक प्रसंग भी आचार्य जी ने सुनाया।
गंगा के अवतरित होने, शिव के अपनी जटाओं उन्हें धारण करने, राजा भगीरथ से लेकर शांतनु से गंगा के विवाह तक की कथा बहुत रोचक तरीके से सुनाई ।
अंत में श्री कृष्ण के जन्म व भक्तिमय भजनों ने भक्तों का मन मोह लिया, महिलाओं के भक्ति-नृत्य ने तो समूचे कथा-पंडाल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया ।
कान्हा का मनपसंद माखन मिश्री का प्रसाद सभी भक्तजनों को वितरित किया गया।
सुदर्शना ने बताया कि गुरुवार को सुबह से ही पूजा, हवन और भंडारा शुरू हो जाएगा और दोपहर तक कथा का समापन होगा।
उन्होंने सभी शहर वासियों को इस ज्ञान यज्ञ में आमंत्रित करते हुए कहा कि आजकल के इस तनावपूर्ण वातवरण में ऐसे धार्मिक आयोजन में आ कर सभी निवासी पुण्य लाभ और आनंद प्राप्त करें।
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में आचार्य श्री स्वरूप बोड़ाई, राकेश मोहन ध्यानी,केशवानंद ढौंडियाल, नरेंद्र जदली, प्रकाश चंद जोशी, अनिल घनसेला, अजय जुबाता, अनुप्रिया धस्माना व प्रमोद ध्यानी का योगदान सराहनीय है।
आयोजन में प्रतिदिन प्रातः वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बालकृष्ण व लक्ष्मी नारायण का पूजन किया जा रहा है। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ, रुद्राभिषेक, गीता पाठ व भागवत का मूल पाठ किया जा रहा है।
मंगलवार शाम को भागवत कथा प्रवचन व्यास पीठासीन श्री दिनेश बड़तवाल जी द्वारा बामन तथा शुक्राचार्य की कथा से आरंभ हुआ। इसके पश्चात समुद्र मंथन का बेहद रोचक प्रसंग भी आचार्य जी ने सुनाया।
गंगा के अवतरित होने, शिव के अपनी जटाओं उन्हें धारण करने, राजा भगीरथ से लेकर शांतनु से गंगा के विवाह तक की कथा बहुत रोचक तरीके से सुनाई ।
अंत में श्री कृष्ण के जन्म व भक्तिमय भजनों ने भक्तों का मन मोह लिया, महिलाओं के भक्ति-नृत्य ने तो समूचे कथा-पंडाल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया ।
कान्हा का मनपसंद माखन मिश्री का प्रसाद सभी भक्तजनों को वितरित किया गया।
संस्था की संस्थापिका सुदर्शना घिल्डियाल ने बताया कि इस भागवत कथा का आयोजन वृद्धालय के वृद्धों के लिए विशेष रूप से किया जा रहा है। वृद्धालय के सभी वृद्धों को भागवत कथा सुन कर ना सिर्फ आनंद मिलेगा बल्कि मानसिक शांति और जीवन को बेहतर तरीक़े से जीने की प्रेरणा भी मिलेगी।
सुदर्शना ने बताया कि गुरुवार को सुबह से ही पूजा, हवन और भंडारा शुरू हो जाएगा और दोपहर तक कथा का समापन होगा।
उन्होंने सभी शहर वासियों को इस ज्ञान यज्ञ में आमंत्रित करते हुए कहा कि आजकल के इस तनावपूर्ण वातवरण में ऐसे धार्मिक आयोजन में आ कर सभी निवासी पुण्य लाभ और आनंद प्राप्त करें।
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में आचार्य श्री स्वरूप बोड़ाई, राकेश मोहन ध्यानी,केशवानंद ढौंडियाल, नरेंद्र जदली, प्रकाश चंद जोशी, अनिल घनसेला, अजय जुबाता, अनुप्रिया धस्माना व प्रमोद ध्यानी का योगदान सराहनीय है।
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