ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर। मित्रों आज प्रस्तुत है बड़ौत की युवा कवियत्री ममता चौधरी की रचना 'तुम्हारे जाने के बाद'।
पेशे से अध्यापिका ममता चौधरी शौकिया कविताएं लिखती हैं। ममता की रचनाओं में श्रृंगार रस की प्रधानता दिखाई देती है जिसे वह बहुत सुन्दरता के साथ शब्दों में पिरोती हैं।
तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारे जाने के बाद की तमाम खामोशियों को
अपनी चुप्पियों में सहेजे रखा है
सभी जख्म जिंदा रखे हैं
जेहन के सबसे हसीं तहखाने में
जो धूल से अटा पड़ा है
खामोशियाँ मगर महफूज़ हैं
गर्द की परतों में
कोई फुसफुसाता नहीं उनके कानों में
कि टूटे उनकी सदियों की समाधि
जख्मोंं को भी है तसल्ली
कि कोई मुस्कुराता नहीं उनकी रूह छूकर
न ही करता है कोशिश कोई
कि लेप दे कोई बेरहम सा मरहम।
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