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नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की। इस फैसले की आलोचना कई दलों ने की, लेकिन कई विपक्षी दलों की तरफ से कुछ अप्रत्याशित समर्थन भी मिला। आम आदमी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस फैसले पर सरकार का साथ दिया।
इस फैसले में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने का फैसला किया गया। दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का निर्णय लिया गया। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर के फैसलों पर सरकार का समर्थन करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा।'
दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग करने वाली आप की इस पर कई लोगों ने आलोचना की। इस पर आप विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'कश्मीर को दिल्ली व पुडुचेरी के साथ तुलना करना ठीक नहीं। दिल्ली व पुडुचेरी शांत प्रदेश हैं, उनमें पूर्ण राज्य बेहतर प्रशासन लाएगा। कश्मीर का 2/3 हिस्सा पाकिस्तान और चीन के कब्जे में है। कश्मीर में एक साल में 150 बार घुसपैठ हो रही है। इनकी तुलना तर्कसंगत नहीं।' 
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