लंदन: क्रिकेट को जन्म देने वाला देश इंग्लैंड आखिरकार विश्व कप का खिताब जीतने में सफल हो ही गया। विश्व कप के 44 साल के इतिहास में पहली बार इंग्लैंड चैंपियन बना। इयोन मॉर्गन के नेतृत्व वाली इंग्लैंड ने रविवार को विश्व कप 2019 के बेहद रोमांचक फाइनल में न्यूजीलैंड को मात देकर खिताबी सूखा खत्म किया। यह मुकाबला सांस थाम देने वाला रहा। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच सबसे पहले स्कोर टाई हुआ। इसके बाद नतीजा सुपर ओवर से निकलना था। मगर सुपर ओवर भी टाई रहा। फिर इंग्लैंड विजेता बना क्योंकि उसने मैच में न्यूजीलैंड से ज्यादा बाउंड्री जमाई थी।
इंग्लैंड के लिए यह खिताब बहुत महत्वपूर्ण है। उसे पिछले चार साल की कड़ी मेहनत का सफल नतीजा अब मिला। विश्व कप ट्रॉफी जीतने का भाव हर खिलाड़ी के चेहरे पर स्पष्ट रूप से दिख रहा था। वैसे, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह विश्व कप इतिहास का अब तक का सबसे रोमांचक मैच रहा। इंग्लैंड को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने में इन 5 खिलाडि़यों ने अहम भूमिका निभाई और इसलिए ये हीरो बने।
चलिए आपको बताते हैं कि फाइनल में इंग्लैंड के 5 हीरो कौन रहे:
क्रिस वोक्स - इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ने एक बार फिर प्रभावी गेंदबाजी की। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने फाइनल में 9 ओवर किए और सिर्फ 37 रन खर्च करके तीन विकेट झटके। उन्होंने मार्टिन गुप्टिल (19), टॉम लैथम (47) और कॉलिन डी ग्रैंडहोम (16) को अपना शिकार बनाया। वोक्स ने गेंदबाजी में भी गजब का मिश्रण किया, जिसके कारण वह काफी सफल हुए।
लियाम प्लंकेट - 34 वर्षीय प्लंकेट ने भी फाइनल में तीन विकेट चटकाए और इतिहास भी रचा। वह आईसीसी विश्व कप के फाइनल में तीन विकेट लेने वाले सबसे उम्रदराज गेंदबाज बने। प्लंकेट ने 10 ओवर का कोटा पूरा किया और 42 रन देकर तीन विकेट झटके। उन्होंने कीवी ओपनर हेनरी निकोल्स (55), कप्तान केन विलियमसन (30) और जिमी नीशम (19) को अपना शिकार बनाया। प्लंकेट का शानदार प्रदर्शन फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे।
जॉनी बेयर्स्टो - इंग्लैंड को 242 रन के लक्ष्य का पीछा करना था, लेकिन उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। जॉनी बेयर्स्टो ने एक छोर संभालने का बीड़ा उठाया और 55 गेंदों में सात चौके की मदद से 36 रन की पारी खेली। बेयर्स्टो की पारी इसलिए खास रही क्योंकि उन्होंने क्रीज पर समय बिताया जबकि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज काफी अच्छी लाइन पकड़कर गेंदबाजी कर रहे थे। बेयर्स्टो अपनी टीम की उम्मीदों पर खरे उतरे कि उन्होंने आक्रमकता अपनाए बिना विरोधी टीम की चिंता बढ़ा दी।
जोस बटलर - इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ने 60 गेंदों में 6 चौके की मदद से 59 रन की पारी खेली। उन्होंने बेन स्टोक्स के साथ अच्छी साझेदारी करके इंग्लैंड को बुरी शुरुआत से उबारा। इसके अलावा मैच की अंतिम गेंद पर बटलर ने मार्टिन गुप्टिल को रनआउट किया, जो यादगार लम्हा बन गया। इंग्लैंड को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने में इस खिलाड़ी का योगदान सबसे शानदार रहा।
बेन स्टोक्स - मैन ऑफ द मैच। कारण साफ है। नाबाद 84 रन की उम्दा पारी और इंग्लैंड की जीत के सूत्रधारक। स्टोक्स ने गेंदबाजी में तीन ओवर में 20 रन खर्च किए, लेकिन उनके हाथ कोई सफलता नहीं लगी। मगर इसकी भरपाई उन्होंने बल्लेबाजी में काफी अच्छे से की। स्टोक्स ने 98 गेंदों में पांच चौके व दो छक्कें की मदद से उम्दा पारी खेली। स्टोक्स विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंर्स में शामिल है।
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