नई दिल्ली । कर्नाटक का नाटक अभी भी जारी है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के साथ साथ बीजेपी अपने विधायकों को सहेजने में जुटी हुई है। इन सबके बीच बागी विधायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि बागी विधायकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बाद भी उन्हें कांग्रेस की तरफ से धमकाया जा रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस विषय पर सुनवाई होनी है। इन सबके बीच मुंबई के रेनिसंस होटल में रुके हुए 14 बागी विधायकों ने पवई पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर को अर्जी दी है जिसमें ये कहा गया है कि कर्नाटक के सीनियर कांग्रेस नेताओं की तरफ से उन्हें धमकी मिल रही है। बागी विधायकों ने पुलिस से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। विधायकों का कहना है कि इस बात की व्यवस्था की जाए ताकि कर्नाटक कांग्रेस के नेता उनसे न मिल सकें।
बागी विधायकों ने पुलिस को लिखे गए चिट्ठी में लिखा है कि वो लोग मलिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद से नहीं मिलना चाहते हैं। विधायक कहते हैं कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस के नेता उन लोगों के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं। जिन विधायकों ने चिट्ठी लिखी है उनमें शिवराम हेब्बर, बी सी पाटिल, महेश के, विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, आर शंकर, एच नागेश, प्रताप पाटिल, गोपालैय्या, रमेश जे एमटीबी नागराज, सोमशेखर और बासवराज शामिल हैं।
11 जुलाई को कांग्रेस के बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के आर रमेशकुमार से मुलाकात के बाद मुंबई वापस लौट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों से दोबारा इस्तीफा देने को कहा था। कर्नाटक में राजनीतिक संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को स्टेट्स को मेंटेंन करने का निर्देश दिया था। कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने अर्जी में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं और जानबूझकर इस्तीफे को नहीं स्वीकार कर रहे हैं।
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