नई दिल्ली I इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा होकर बाहर आ गए है. इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोपी आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को अदालत से जमानत मिली थी. शनिवार को जेल की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से आकाश विजयवर्गीय जेल से बाहर नहीं आ सके थे.
रविवार सुबह को सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आकाश विजयवर्गीय बाहर आए. मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने जेल से बाहर आते ही कहा कि कारावास में उनका समय अच्छा गुजरा. आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे अपने क्षेत्र और जनता की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे.
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत से जमानत मिली थी. 26 जून को इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोपी आकाश विजयवर्गीय पर उसी दिन मुकदमा दर्ज हुआ था और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
आकाश विजयवर्गीय की जमानता याचिका जब इंदौर कोर्ट पहुंची तो अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी. तब इंदौर कोर्ट ने कहा कि यह मामला विधायक से जुड़ा है, इसलिए इसकी सुनवाई करना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं है. अदालत ने कहा कि इस केस की सुनवाई विधायकों और सांसदों के लिए बने भोपाल के विशेष कोर्ट में होनी चाहिए. इसके बाद आकाश विजयवर्गीय के वकील अपनी अर्जी लेकर भोपाल पहुंचे. भोपाल कोर्ट ने शुक्रवार को इंदौर केस से जुड़े दस्तावेज मंगवाने का आदेश देकर शनिवार को केस की सुनवाई का वक्त मुकर्रर किया. शनिवार को भोपाल में जज सुरेश सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आकाश विजयवर्गीय को 20-20 हजार रुपये के बांड पर बेल दी.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि 26 जून को इंदौर नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस अपनी टीम के साथ एक जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना इलाके के विधायक आकाश विजयवर्गीय को दे दी. आकाश विजयवर्गीय अपने समर्थकों के साथ तुरंत वहां पहुंच गए और नगर निगम की टीम को बगैर कार्रवाई के लिए जाने को कहा. हालांकि अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी. इसके बाद वीडियो रिकॉर्डिंग के मुताबिक आकाश ने क्रिकेट बैट से अधिकारी की पिटाई की थी. रिपोर्ट के मुताबिक धीरेंद्र बायस को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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